Great Shayari
दौलत-ऐ-दर्द को दुनिया से छुपाकर रखना,
आँख में बूँद न हो, दिल में समंदर रखना |
- अहमद फराज
कभी किसी को मुक्कमल जहाँ नही मिलता,
कही जमीं तो कही आसमा नही मिलता |
- निदा फाजली
क्यों जल गया न ताबे-रूखे-यार देखकर,
जलता हूँ अपनी ताकते दीदार देखकर |
- मिर्जा ग़ालिब
लहरों में डूबते रहे, दरिया नही मिला,
उससे बिछुड़ के फ़िर कोई वैसा नही मिला |
- बसीर बद्र
दिल से जो बात निकलती है, असर रखती है,
पर नही ताकत-ऐ-परवाज मगर रखती है |
- इकबाल
Great Shayari
दौलत-ऐ-दर्द को दुनिया से छुपाकर रखना,
आँख में बूँद न हो, दिल में समंदर रखना |
- अहमद फराज
कभी किसी को मुक्कमल जहाँ नही मिलता,
कही जमीं तो कही आसमा नही मिलता |
- निदा फाजली
क्यों जल गया न ताबे-रूखे-यार देखकर,
जलता हूँ अपनी ताकते दीदार देखकर |
- मिर्जा ग़ालिब
लहरों में डूबते रहे, दरिया नही मिला,
उससे बिछुड़ के फ़िर कोई वैसा नही मिला |
- बसीर बद्र
दिल से जो बात निकलती है, असर रखती है,
पर नही ताकत-ऐ-परवाज मगर रखती है |
- इकबाल
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